इंसान को सुख-दुख देने वाला कौन है? Premanand Maharaj ने बताया रहस्य

Premanand Maharaj ke Pravachan: वृंदावन के विश्वप्रसिद्ध कथावाचक प्रेमानंद महाराज के लाखों भक्त हैं. इनके सत्संग को सुनने के लिए लोग देश-विदेश से आते हैं. तमाम बड़ी हस्तियां भी प्रेमानंद जी के पास पहुंच चुकी हैं. सोशल मीडिया पर महाराज जी को लाखों लोग फोलों करते हैं.

Premanand Maharaj Vrindavan: वृंदावन के विश्वप्रसिद्ध कथावाचक प्रेमानंद महाराज के लाखों भक्त हैं. इनके सत्संग को सुनने के लिए लोग देश-विदेश से आते हैं. तमाम बड़ी हस्तियां भी प्रेमानंद जी के पास पहुंच चुकी हैं. सोशल मीडिया पर महाराज जी को लाखों लोग फोलों करते हैं. अक्सर इनके प्रवचन की वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होती रहती हैं जो लोगों द्वारा काफी पसंद भी की जाती हैं. इनके सत्संग में शामिल होने के बाद कई लोग खुद को सौभाग्यशाली भी मानते हैं.

इंसान को सुख-दुख कौन देता है?
प्रेमानंद महाराज अपने विचारों से लोगों को अधायात्म से जुड़ने के लिए प्रोत्साहित करते हैं. अभी सोशल मीडियो पर प्रवचन की वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें महाराज जी बताते हैं कि इंसान को सुख-दुख देने वाला कौन है? आइए जानते हैं प्रेमानंद जी ने इसपर क्या कहा.

व्यक्ति के कर्मों पर निर्भर
प्रेमानंद महाराज कहते हैं कि इंसान को कोई भी नष्ट नहीं कर सकता है. व्यक्ति के कर्म ही हैं जो उसे नष्ट कर सकते हैं. कोई भी ऐसा नहीं है जो किसी को सुख-दुख देता है. महाराज जी कहते हैं कि पापाचरण है अशांति, दुख और क्लेश का सबसे बड़ा कारण है. वहीं, दूसरी ओर धर्माचरण अपनाने से जीवन में सुख, शांति समृद्धि का वास होता है. 

धर्माचरण वाले को क्यों झेलनी पड़ती है विपत्ति?
महाराज जी बताते हैं कि कभी-कभी भ्रम हो जाता है कि धर्माचरण करने वाले व्यक्ति को बहुत दुख विपत्ति झेलनी पड़ रही है, वहीं पापाचरण करने वाला उन्नति के रास्ते देख रहा है. प्रेमानंद जी इस भ्रम के पीछे बहुत बड़ा रहस्य बताते हैं. कहते हैं कि जो व्यक्ति अभी धर्माचरण कर रहा है, उसको पूर्व में किए हुए पापों का फल अब मिल रहा है, इस कारण से दुख भोगना पड़ रहा है. जब इसके धर्माचरण का प्रभाव लागू होगा तब इस व्यक्ति का जीवन चमक उठेगा और आनंदमय हो जाएगा.