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पर्यावरण सप्ताह के तहत स्काउट-गाइड्स ने दिया जागरूकता का संदेश,पोस्टर और टैटू प्रतियोगिताओं के माध्यम से दिखाई रचनात्मकता, नुक्कड़ नाटक से जनता को किया जागरूक

रिपोर्ट-सीताराम गुप्ता

सीकर। राजस्थान राज्य भारत स्काउट और गाइड तथा पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के संयुक्त तत्वावधान में चल रहे पर्यावरण सप्ताह के दूसरे दिन एक से बढ़कर एक रचनात्मक और जागरूकता से परिपूर्ण गतिविधियाँ आयोजित की गईं। पर्यावरण शिक्षा कार्यक्रम के अंतर्गत बच्चों ने पर्यावरण संरक्षण के प्रति अपनी संकल्पबद्धता और रचनात्मकता का अद्भुत परिचय दिया।

इस अवसर पर मानसी माथुर के नेतृत्व में “पर्यावरण बचाओ” विषय पर पोस्टर प्रतियोगिता आयोजित की गई। प्रतियोगिता में प्रतिभागियों ने आकर्षक और संदेशपूर्ण पोस्टरों के माध्यम से पर्यावरणीय समस्याओं और उनके समाधान को प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत किया। इस प्रतियोगिता में खुशी सैनी ने प्रथम, प्रिंस सैनी ने द्वितीय, तथा खुशी महरिया ने तृतीय स्थान प्राप्त किया।

साथ ही, कृष्णा नायक के निर्देशन में मेहंदी के माध्यम से पर्यावरण टैटू बनाने की अनूठी प्रतियोगिता आयोजित की गई, जिसमें प्रतिभागियों ने अपनी कलात्मकता के माध्यम से प्रकृति के संरक्षण का संदेश दिया। इसमें कोमल ने प्रथम, भावना नायक ने द्वितीय, और गरिमा ढाका ने तृतीय स्थान प्राप्त किया।

सप्ताहभर चलने वाले इस कार्यक्रम की श्रृंखला में स्काउट-गाइड्स ने पर्यावरण जागरूकता को जन-जन तक पहुँचाने के लिए कागज एवं कपड़े के थैले बनाना, पर्यावरण संबंधी प्रोजेक्ट व मॉडल तैयार करना, नारा लेखन, तथा नुक्कड़ नाटक जैसी गतिविधियों को भी शामिल किया है। ये नुक्कड़ नाटक शिविरों, रेलवे स्टेशन तथा अन्य सार्वजनिक स्थलों पर प्रस्तुत किए जा रहे हैं, जिससे आमजन में पर्यावरण संरक्षण को लेकर चेतना जागृत हो।

कार्यक्रम की प्रातःकालीन गतिविधियों में मारु स्कूल में डायट सीकर की व्याख्याता श्रीमती मोहनलता द्वारा ‘वेस्ट से बेस्ट’ विषय पर एक विशेष सत्र आयोजित किया गया। उन्होंने छात्रों, इको क्लब सदस्यों और स्काउट-गाइड्स को अनुपयोगी वस्तुओं से उपयोगी वस्तुएँ बनाने की तकनीक और महत्त्व के बारे में जानकारी दी।

पर्यावरण सप्ताह की विस्तृत गतिविधियों के बारे में जानकारी देते हुए बसंत कुमार लाटा, सीओ स्काउट सीकर ने बताया कि इस कार्यक्रम का उद्देश्य बच्चों में पर्यावरण के प्रति जिम्मेदारी की भावना उत्पन्न करना और समाज में जागरूकता फैलाना है।

कार्यक्रम के अंत में विद्यालय के प्रधानाचार्य दिनेश पुरोहित ने अपने उद्बोधन में कहा, “यदि हम सभी नागरिक मिलकर पर्यावरण संरक्षण का संकल्प लें, तभी हम आने वाली पीढ़ियों को एक सुरक्षित और स्वच्छ पर्यावरण दे पाएँगे। देश के प्रत्येक नागरिक को इस दिशा में जागरूक और सक्रिय होना होगा।”

इस तरह यह सप्ताह न केवल रचनात्मकता और कला की अभिव्यक्ति का मंच बना, बल्कि पर्यावरण के प्रति सामूहिक उत्तरदायित्व और सजगता का भी सशक्त संदेश देने में सफल रहा।