बानसूर गोलीकांड का बड़ा खुलासा — विदेशी हथियार के साथ चार कुख्यात बदमाश मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार

पुलिस की चार टीमों की रणनीतिक कार्रवाई सफल

कोटपूतली-बहरोड़ पुलिस की त्वरित कार्यवाही ने रोकी और बड़ी वारदात, घायल आरोपी बीडीएम अस्पताल में भर्ती

जिला पुलिस अधीक्षक राजन दुष्यंत ने की प्रेस वार्ता

कोटपूतली बहरोड़(सीताराम गुप्ता/सुरेश सैनी)

बानसूर कस्बे में 24 जून को हुई शराब ठेकेदार सुनील यादव उर्फ टुल्ली की दिनदहाड़े हत्या के मामले में कोटपूतली-बहरोड़ पुलिस ने मुठभेड़ के बाद चार कुख्यात बदमाशों को गिरफ्तार कर बड़ी सफलता हासिल की है। इस दौरान पुलिस पर फायरिंग कर भागने की कोशिश कर रहे बदमाशों में से तीन आरोपी गोली लगने से घायल हो गए, जिन्हें बीडीएम अस्पताल कोटपूतली में भर्ती करवाया गया है। घटना स्थल से पुलिस ने एक मेड इन अमेरिका ग्लोक पिस्टल, एक देशी पिस्टल, 27 जिंदा राउंड और एक खाली मैगजीन बरामद की है।

24 जून की दोपहर करीब 12 बजे बानसूर के अलवर बायपास स्थित एक दर्जी की दुकान पर शराब व्यवसायी सुनील यादव कपड़े लेने गया था। उसी समय दो मोटरसाइकिलों पर सवार होकर चार हमलावर वहां पहुंचे और सुनील यादव पर करीब 20 राउंड गोलियां बरसाईं। गंभीर रूप से घायल सुनील को जिला अस्पताल कोटपूतली ले जाया गया, जहां उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई। इस जघन्य हत्या के कुछ देर बाद ही बालावास निवासी कुख्यात बदमाश कृष्ण पहलवान ने सोशल मीडिया पर लाइव आकर हत्या की जिम्मेदारी ली और पुरानी रंजिश को हत्या का कारण बताया।

घटना के तुरंत बाद जयपुर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक अजयपाल लांबा ने चारों आरोपियों पर ₹50-50 हजार के इनाम की घोषणा की। मामले की गंभीरता को देखते हुए जिला पुलिस अधीक्षक राजन दुष्यंत (आईपीएस) के निर्देशन में, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक वैभव शर्मा के सुपरविजन और वृताधिकारी कोटपूतली राजेन्द्र बुरड़क एवं वृताधिकारी बानसूर दशरथ सिंह के नेतृत्व में चार विशेष पुलिस टीमों का गठन किया गया। पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज, तकनीकी निगरानी और मुखबिर तंत्र के सहारे लगभग 30 संदिग्धों से पूछताछ की और मुख्य चार आरोपियों की पहचान की।

मुखबिर की सूचना के आधार पर 27 जून की रात पुलिस को पता चला कि आरोपी कृष्ण पहलवान, मनीष गुर्जर, मनोज मीणा, पवन सैनी और अखिल सैनी एक स्विफ्ट कार में अलवर से बानसूर की तरफ आ रहे हैं। हमीरपुर बिजलीघर के पास जैसे ही कार दिखाई दी, पुलिस ने उन्हें रोकने का प्रयास किया, लेकिन आरोपी जंगल की ओर भाग गए और पुलिस पर अचानक 10 से 15 राउंड फायरिंग कर दी। जवाब में पुलिस ने संयम और साहस दिखाते हुए 13 राउंड फायर किए और चारों बदमाशों को काबू कर लिया। तीन आरोपी गोली लगने से घायल हो गए जबकि एक को सकुशल गिरफ्तार कर लिया गया।

इस ऑपरेशन के दौरान पुलिस ने घटनास्थल से एक मेड इन अमेरिका ग्लोक पिस्टल, एक देशी पिस्टल, 27 जिंदा राउंड और एक खाली मैगजीन जब्त की। आरोपियों के खिलाफ थाना हरसौरा में प्रकरण संख्या 131/2025 के तहत धारा 103(1) BNS और Arms Act की धाराओं 3/25, 25(6), 5/27 के अंतर्गत मामला दर्ज किया गया है। सभी आरोपी बानसूर के निवासी हैं और इनकी पहचान इस प्रकार है—मनीष गुर्जर पुत्र कालूराम, मनोज मीणा पुत्र सुभाष मीणा, पवन सैनी पुत्र हेमराज सैनी और अखिल सैनी पुत्र विनोद सैनी।

इस संपूर्ण कार्यवाही में जिन पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों ने सराहनीय भूमिका निभाई, उनमें चार टीमें विशेष रूप से सक्रिय रहीं। पहली टीम का नेतृत्व अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक वैभव शर्मा ने किया, जिनके साथ वृताधिकारी राजेन्द्र बुरड़क, थानाधिकारी राजेश मीणा (नीमराना), अंकित सामरिया (भाबरू) और मुकेश कुमार (डीएसटी जयपुर ग्रामीण) थे।

दूसरी टीम में साइबर सैल कोटपूतली के प्रभारी संदीप कुमार, कृष्ण कुमार, पुष्पेन्द्र और अंकित कुमार शामिल रहे। तीसरी टीम का नेतृत्व वृताधिकारी दशरथ सिंह ने किया, उनके साथ थानाधिकारी प्रकाश सिंह (हरसौरा) और ओमप्रकाश (नारायणपुर) थे।

चौथी टीम में थाना बानसूर के थानाधिकारी सुरेन्द्र मलिक, बासदयाल थानाधिकारी प्रदीप सिंह, सरुण्ड थानाधिकारी बाबूलाल, तथा पुलिसकर्मी रविन्द्र, मनिन्द्र, महेन्द्र, राकेश, अनिल, लोकेश, अमित, धर्मेन्द्र, मनोज, सतपाल, प्रवीण और लखन मीणा सम्मिलित रहे।

इस मुठभेड़ और पूरे ऑपरेशन में डीएसटी के धर्मेन्द्र ने आरोपियों की मूवमेंट ट्रेस करने में अहम भूमिका निभाई, वहीं पुलिस थाना बानसूर के मनिन्द्र सिंह ने मुठभेड़ के दौरान विशेष साहस और तत्परता दिखाई।

जिला पुलिस अधीक्षक राजन दुष्यंत ने कोटपूतली जिला मुख्यालय पर आयोजित प्रेस वार्ता में समस्त टीमों की कार्यशैली की प्रशंसा करते हुए कहा कि — “यह कार्रवाई राजस्थान पुलिस की त्वरित सोच, आपसी समन्वय और फील्ड स्तर पर क्रियाशीलता का बेहतरीन उदाहरण है। इस ऑपरेशन ने यह स्पष्ट कर दिया कि अपराधी चाहे कितने भी संगठित या खतरनाक हों, कानून का हाथ उनसे तेज है।”

फिलहाल चारों आरोपी बीडीएम अस्पताल कोटपूतली में पुलिस निगरानी में उपचाराधीन हैं और उनके खिलाफ आगे की कानूनी कार्यवाही जारी है। यह पूरी कार्यवाही न केवल अपराधियों के लिए कड़ा संदेश है, बल्कि कोटपूतली-बहरोड़ जिले में कानून व्यवस्था की मजबूती का भी प्रमाण है।