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कोटपूतली नगर परिषद की लापरवाही के खिलाफ वार्ड पार्षदों का फूटा गुस्सा, जिला कलेक्टर को सौंपा ज्ञापननालों की सफाई, रोड लाइट व सफाई व्यवस्था पर उठाए गंभीर सवाल, भ्रष्टाचार का आरोप भी शामिल

कोटपूतली(सीताराम गुप्ता)।
कोटपूतली नगर परिषद की अनदेखी और लापरवाही से आक्रोशित नगर परिषद के वार्ड पार्षदों ने आज जिला कलेक्टर प्रियंका गोस्वामी को एक विस्तृत ज्ञापन सौंपा। इस ज्ञापन में नगर की जमीनी हालात और प्रशासनिक उदासीनता को लेकर अनेक गंभीर सवाल खड़े किए गए। पार्षदों ने साफ तौर पर कहा कि नगर में नालों की सफाई, रोड लाइटों की मरम्मत और सफाई व्यवस्था पूरी तरह चरमरा चुकी है, और अधिकारियों की निष्क्रियता से जनता त्राहिमाम कर रही है।

ज्ञापन में बताया गया है कि नगर परिषद ने नालों की सफाई के लिए 30 से 40 लाख रुपये तक का टेंडर जारी किया, लेकिन धरातल पर आज तक कोई प्रभावी कार्य नहीं हुआ। नालों की स्थिति ऐसी है कि हल्की बारिश में ही वे ओवरफ्लो होकर सड़कों तक गंदगी फैला देते हैं। शहर के कई हिस्सों में सफाई कर्मियों की उपस्थिति नाममात्र की है, जिससे गलियों में बदबू और कचरे का अंबार लगा रहता है।

वहीं, रोड लाइटें भी लंबे समय से बंद पड़ी हैं। रात के समय कई वार्ड अंधेरे में डूबे रहते हैं, जिससे आए दिन हादसों की आशंका बनी रहती है। पार्षदों ने यह भी कहा कि इस संबंध में कई बार नगर परिषद अधिकारियों को अवगत कराया गया, लेकिन उनकी ओर से कोई सकारात्मक पहल नहीं की गई।

ज्ञापन में पार्षदों ने नगर परिषद अधिकारियों पर टेंडर प्रक्रिया में मिलीभगत का गंभीर आरोप भी लगाया है। उन्होंने लिखा कि करोड़ों रुपए के टेंडर जारी तो किए जाते हैं, लेकिन धरातल पर दस लाख रुपए का काम भी दिखाई नहीं देता। पार्षदों ने मांग की है कि जिला कलेक्टर स्वयं नगर का दौरा कर वस्तुस्थिति की जांच करें और जिम्मेदार अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई करें।

इस मौके पर पार्षद प्रतिनिधि विजय कुमार आर्य, पार्षद प्रमोद गुरुजी, पार्षद प्रतिनिधि कृष्णा, दयाराम प्रजापति, प्रफुल्ल रमन सहित अनेक पार्षदगण उपस्थित रहे। सभी ने एक स्वर में मांग की कि कोटपूतली नगर परिषद की कार्यशैली की उच्च स्तरीय जांच करवाई जाए, जिससे जनता को राहत मिल सके और पारदर्शी तरीके से विकास कार्य हो सकें।

नगर परिषद की इस लापरवाही ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या जनता के टैक्स से निकला पैसा सिर्फ फाइलों में घूमने के लिए होता है, या फिर उसका धरातल पर उपयोग भी सुनिश्चित होगा? अब देखना यह है कि जिला प्रशासन इस गंभीर ज्ञापन पर क्या ठोस कार्रवाई करता है।