

कोटपूतली।
अमावस्या के पावन अवसर पर गौ-सेवार्थ सुंदरकांड समिति, कोटपुतली द्वारा सनातन धर्म और गौ सेवा के संकल्प को आगे बढ़ाते हुए 51,000 रुपए मूल्य की सामग्री दो प्रमुख गौशालाओं को भेंट की गई। समिति द्वारा श्रीकृष्ण गौशाला, ढाढा सुदरपुरा में एक पिकअप चारा तथा बड़ा मंदिर गौशाला, खड़ब नाहरेड़ा में 11 क्विंटल आटा महाराज को भेंट किया गया।
गौ-सेवार्थ सुंदरकांड समिति के संयोजक जितेन्द्र जोशी एवं अध्यक्ष रजत जिंदल ने बताया कि यह समिति विगत पांच वर्षों से निःस्वार्थ भाव से कार्य कर रही है। समिति भगवान श्रीराम को अपना आदर्श मानते हुए नित्य प्रति श्रीराम संकीर्तन, सुंदरकांड पाठ एवं सनातन धर्म के प्रचार-प्रसार हेतु घर-घर नि:शुल्क कार्यक्रम आयोजित करती आ रही है। समिति को जो भी राशि भक्ति चढ़ावे के रूप में प्राप्त होती है, उसे एकत्र कर गौशालाओं को सामग्री या नकद भेंट स्वरूप प्रदान की जाती है।
इस अवसर पर समिति संरक्षक सीताराम अग्रवाल, अध्यक्ष रजत जिंदल, संयोजक जितेन्द्र जोशी, कोषाध्यक्ष मनोज अग्रवाल, प्रवक्ता विनोद जोशी सहित शुभम जिंदल, अभिषेक चतुर्वेदी, करण स्वाईका, शिवशंकर गुप्ता, मनन जोशी, गौशाला संचालक वैद्य सुरेश शर्मा तथा मंदिर महंत महावीर दास त्यागी की विशेष उपस्थिति रही।
गौशाला मंदिर के महंत महावीर दास त्यागी ने गौ सेवा के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि सनातन धर्म में गौ सेवा को सर्वश्रेष्ठ सेवा माना गया है। गाय माता एक चलता-फिरता मंदिर है। हमारे धर्मग्रंथों के अनुसार, तैंतीस कोटि देवी-देवताओं का वास गौ माता में होता है। जिस प्रकार हम रोजाना सभी देवी-देवताओं के मंदिर नहीं जा सकते, उसी प्रकार केवल गौ माता के दर्शन से ही उन सभी के दर्शन का पुण्य प्राप्त होता है। गौ माता को चारा खिलाने मात्र से तैंतीस कोटि देवी-देवताओं को भोग लग जाता है। जो व्यक्ति गौ सेवा करता है, उसकी समस्त बाधाएं गौ माता हर लेती हैं। इसलिए सभी सनातन धर्म प्रेमियों को चाहिए कि समय-समय पर यथाशक्ति दान व सेवा करते हुए गौ माता की रक्षा में भागीदार बनें।
गौ-सेवार्थ सुंदरकांड समिति के इस सेवा कार्य की क्षेत्र में सराहना की जा रही है। समिति के सदस्यों का यह संकल्प कि प्रत्येक चढ़ावे की राशि सीधे गौ सेवा में लगे, समाज में धर्म, सेवा और विश्वास की मजबूत नींव को दर्शाता है।
REPORT-SEETARAM GUPTA