कोटपूतली, 16 जुलाई।






समर्पण और सेवा के पर्याय मुकेश गोयल के जन्मदिवस पर बुधवार को गोवर्धनधाम में पारंपरिक गोवर्धन परिक्रमा का शुभारंभ श्रद्धा, भक्ति और उत्साह के वातावरण में हुआ। इस आध्यात्मिक यात्रा में कोटपूतली से सैकड़ों की संख्या में युवा, श्रद्धालु, वरिष्ठजन और सामाजिक कार्यकर्ता भाग ले रहे हैं।
“हरे कृष्णा, हरे राम, राधे-राधे” की मधुर धुनों के बीच परिक्रमा प्रारंभ हुई तो वातावरण संकीर्तनमय हो गया। भक्तों ने मुकेश गोयल का पारंपरिक साफा पहनाकर और पुष्पों से स्वागत किया। इस अवसर पर उत्तर प्रदेश के हाथरस से आए पूर्व चेयरमैन आशीष जी की विशेष उपस्थिति रही, जिन्होंने गोयल को जन्मदिवस की शुभकामनाएं दी।
संबोधन में मुकेश गोयल ने कहा:
> “यह परिक्रमा केवल एक धार्मिक यात्रा नहीं, बल्कि आत्मचिंतन, सेवा और समाज के साथ जुड़ने का माध्यम है। आज मैं जो कुछ भी हूं, वह आप सभी के आशीर्वाद और समर्थन से हूं। मेरा जीवन जनसेवा को समर्पित है, और यही मेरी सबसे बड़ी पूंजी है।”
उन्होंने युवाओं से जीवन में संस्कार, सत्कर्म और समाजहित को प्राथमिकता देने की अपील करते हुए कहा कि –
> “हमें धर्म, संस्कृति और सेवा—इन तीनों की डोर से अपने जीवन को जोड़ना चाहिए।”
इस दौरान कई श्रद्धालु भावविभोर हो गए। कई युवा भजनों और जयकारों के साथ आगे बढ़ते दिखे। परिक्रमा मार्ग पर जगह-जगह जलसेवा और प्रसाद वितरण की व्यवस्था भी गोयल समर्थकों द्वारा की गई है।
परिक्रमा का यह आयोजन भक्ति और सामाजिक एकता का सशक्त उदाहरण बन गया है। लोगों ने इसे एक ऐतिहासिक क्षण बताया, जब किसी जनप्रतिनिधि ने अपना जन्मदिन सेवा, आध्यात्म और जनसंपर्क को समर्पित किया।
REPORT -SEETARAM GUPTA





