





कोटपूतली-बहरोड़, 29 जून। राज्य सरकार की मंशानुसार जिले में 24 जून से चल रहे पंडित दीनदयाल उपाध्याय अंत्योदय संबल पखवाड़ा के अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्रों में जरूरतमंदों को योजनाओं का लाभ देने के लिए विशेष शिविरों का आयोजन किया जा रहा है। कोटपूतली बहरोड़ जिले में इस अभियान का नेतृत्व जिला कलेक्टर प्रियंका गोस्वामी स्वयं कर रही हैं, जिन्होंने विभिन्न पंचायतों में शिविरों का निरीक्षण कर न केवल विभागीय कार्यों की समीक्षा की, बल्कि आमजन से संवाद करते हुए मौके पर ही समस्याओं का समाधान भी सुनिश्चित किया है।
कलेक्टर गोस्वामी ने पावटा उपखंड की मंढा और कारोली पंचायतों में शिविरों का दौरा कर प्रत्येक विभाग की कार्यप्रणाली को परखा और अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे प्रत्येक पात्र नागरिक को योजनाओं का समयबद्ध व गुणवत्तापूर्ण लाभ प्रदान करें। इन शिविरों में आयुष्मान भारत योजना के तहत स्वास्थ्य कार्ड बनाए गए, एनएफएसए अंतर्गत राशन कार्ड जारी किए गए, सामाजिक सुरक्षा पेंशन स्वीकृत की गई, बिजली विभाग द्वारा झूलते तारों की मरम्मत की गई और राजस्व विभाग द्वारा सीमाज्ञान, नामांतरण व रास्तों से जुड़ी समस्याओं का समाधान किया गया।
राजस्व, चिकित्सा, शिक्षा, ग्रामीण विकास, कृषि, जलदाय, विद्युत, सामाजिक न्याय व पशुपालन जैसे विभागों ने संयुक्त रूप से इन शिविरों में अपनी सेवाएं प्रदान कीं। शिविरों में बड़ी संख्या में वृद्धजनों, विधवाओं, दिव्यांगों, अनुसूचित जाति-जनजाति वर्ग के लोगों और गरीबी रेखा से नीचे जीवन-यापन कर रहे परिवारों को लाभ दिया गया। बच्चों के लिए छात्रवृत्ति फार्म भरे गए और महिलाओं को स्वरोजगार से जुड़ी योजनाओं की जानकारी व आवेदन सुविधा दी गई।
जिला प्रशासन ने शिविरों के संचालन को प्रभावी बनाने के लिए उपखंड अधिकारियों के साथ समन्वय बैठकें आयोजित कीं, जिनमें सम्पर्क पोर्टल पर प्राप्त जनसमस्याओं का त्वरित निस्तारण सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिए गए। नीमराना, बहरोड़, नारायणपुर, बानसूर, विराटनगर, पावटा और कोटपूतली क्षेत्र की विभिन्न ग्राम पंचायतों में आयोजित इन शिविरों में आमजन ने सक्रिय भागीदारी निभाई और प्रशासन की इस पहल की सराहना की।
जिला कलेक्टर प्रियंका गोस्वामी ने स्पष्ट किया कि अंत्योदय संबल पखवाड़ा का उद्देश्य केवल योजनाओं की जानकारी देना नहीं, बल्कि अंतिम पंक्ति में खड़े व्यक्ति तक उसका वास्तविक लाभ पहुँचाना है। उन्होंने सभी अधिकारियों को निर्देशित किया कि वे पूरी गंभीरता से प्रत्येक शिविर को सेवा का माध्यम मानते हुए काम करें और समस्याओं को टालने की बजाय मौके पर ही समाधान करें। कलेक्टर द्वारा लगातार निगरानी व सक्रिय भागीदारी से यह पखवाड़ा जनकल्याण की दिशा में एक सशक्त पहल बनकर उभरा है।
इस अभियान के माध्यम से कोटपूतली-बहरोड़ जिले में प्रशासन और समाज के बीच एक सजीव संवाद स्थापित हुआ है, जिससे न केवल योजनाओं की पहुँच बढ़ी है, बल्कि जनता का विश्वास भी प्रशासनिक व्यवस्था पर और मजबूत हुआ है।
REPORT-SEETARAM GUPTA





