

राजस्थान राज्य भारत स्काउट व गाइड स्थानीय संघ कोटपूतली के तत्वावधान में आयोजित ग्रीष्मकालीन कौशल विकास एवं अभिरुचि शिविर 2025 न केवल बच्चों के लिए सीखने और व्यक्तित्व निखारने का एक बेहतरीन मंच बना, बल्कि इस शिविर ने कई प्रतिभाओं को निखरने का अवसर भी दिया। इन्हीं प्रतिभाओं में एक नाम विशेष रूप से उभरा — ईशान अग्रवाल, जिन्होंने शिविर में अनुशासन, समय की पाबंदी, विनम्र व्यवहार और अपने समर्पण से सभी का दिल जीत लिया।
ईशान अग्रवाल, जिन्होंने हर गतिविधि में अपने नियमित और अनुशासित योगदान से प्रशिक्षकों और शिविर पदाधिकारियों को प्रभावित किया। शिविर के दौरान उनके समय का पालन, नियमों के प्रति गंभीरता, साथियों के साथ सहयोगात्मक व्यवहार और नेतृत्व क्षमता इतनी सशक्त रही कि उन्हें शिविर के समापन समारोह में विशेष सम्मान से नवाजा गया।
उनके इस शानदार प्रदर्शन के पीछे प्रेरणास्रोत हैं उनकी माता श्रीमती प्रभा अग्रवाल, जो पेशे से एक सशक्त अधिवक्ता हैं और वर्षों से महिला सशक्तिकरण, नारी अधिकार और सामाजिक चेतना के मुद्दों पर सक्रियता से कार्यरत हैं। उन्होंने अपने पुत्र को संस्कार, आत्मबल और सामाजिक मूल्यों की शिक्षा दी, जो आज शिविर के मंच पर उनके व्यवहार और प्रदर्शन के रूप में सामने आई।
शिविर में ईशान की भागीदारी केवल कार्यक्रमों तक सीमित नहीं रही, बल्कि वह साथी प्रतिभागियों के लिए एक मार्गदर्शक की भूमिका में भी दिखाई दिए। उन्होंने स्काउटिंग की मूल भावना — “सेवा ही धर्म है” — को न केवल समझा, बल्कि उसे व्यवहार में उतारकर दिखाया। शिविर के प्रशिक्षकों ने उनकी निःस्वार्थ सेवा भावना, उत्साह, और समर्पण की मुक्तकंठ से सराहना की।
शिविर के समापन समारोह में ईशान अग्रवाल को उत्कृष्ट शिविरार्थी के रूप में मंच पर बुलाकर सम्मानित किया गया। यह क्षण न केवल उनके लिए गर्व का था, बल्कि उन सभी युवाओं के लिए एक प्रेरणा बना, जो अपने जीवन में अनुशासन और सेवा को प्राथमिकता देना चाहते हैं।
ईशान की यह उपलब्धि यह भी दर्शाती है कि यदि बच्चों को उचित दिशा, परिवार से संस्कार और समाज से मंच मिले, तो वे न केवल खुद निखरते हैं, बल्कि दूसरों को भी रोशन करते हैं।
अंततः यह शिविर ईशान जैसे अनुशासित और आदर्श विद्यार्थियों के कारण ही सफल और प्रेरक बन पाया। ऐसे प्रतिभागी भविष्य के उत्तरदायी नागरिक बनते हैं और समाज को नई दिशा देते हैं। ईशान अग्रवाल की यह यात्रा न केवल एक शिविर का अनुभव है, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए संघर्ष, समर्पण और संस्कार की जीवंत मिसाल है।