जयपुर, 15 जुलाई 2025




राजस्थान सरकार में कैबिनेट मंत्री कर्नल राज्यवर्धन राठौड़ ने विश्व युवा कौशल दिवस पर प्रदेश और देश के युवाओं को संबोधित करते हुए एक नई दिशा और ऊर्जा का संदेश दिया। उन्होंने कहा कि आज का समय भारत के लिए Skills, Startups और Sports के रूप में एक “अमृतकाल” है, जिसे अगर युवाओं ने सही दिशा में साध लिया, तो भारत विश्व नेतृत्व की ओर बढ़ेगा।
कर्नल राठौड़ ने कहा कि राजस्थान की कामकाजी जनसंख्या अब कुल जनसंख्या का 63% हो चुकी है, और 15 से 59 वर्ष की यह आयु-वर्ग वह ऊर्जा है, जो आने वाले वर्षों में राज्य को देश का सबसे युवा और सबसे सक्षम प्रदेश बना सकती है।
उन्होंने यह भी कहा—
> “यदि इस युवा शक्ति को समय पर दिशा और कौशल नहीं मिला, तो यह एक अवसर की बजाय चुनौती बन सकती है। इसलिए हम कौशल को न केवल रोजगार का साधन मानते हैं, बल्कि रोजगार देने की क्षमता का आधार मानते हैं।”
कर्नल राठौड़ ने बताया कि राजस्थान कौशल नियोजन एवं उद्यमिता विभाग द्वारा इस वर्ष लगभग 3 लाख युवाओं को 663 कौशल विकास केंद्रों के माध्यम से प्रशिक्षण दिया गया है, और 683 करोड़ रुपये से अधिक का भत्ता युवाओं को वितरित किया गया है। यह आंकड़ा यह साबित करता है कि राज्य सरकार युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए केवल नारे नहीं, नतीजे दे रही है।
अपने उद्बोधन में उन्होंने कोलकाता के पिंटू पोहन का ज़िक्र किया, जिन्होंने पान की दुकान चलाते हुए न केवल जीवन यापन किया, बल्कि 12 उपन्यास और 200 से अधिक कहानियां लिखी। यह कहानी उन्होंने इस संदर्भ में सुनाई कि संकल्प और साहस के सामने कोई भी परिस्थिति छोटी पड़ जाती है।
उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उस कथन को दोहराया कि
> “भारत के पास दो सबसे बड़ी ताकतें हैं — Democracy और Demography। और आज दुनिया मान रही है कि भारत का युवा नेतृत्व करने की क्षमता रखता है।”
कर्नल राठौड़ ने हाल ही में भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला का भी उल्लेख किया, जिन्होंने 41 वर्षों बाद अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पर पहुंचकर भारत का परचम लहराया। यह मिशन भारत की वैज्ञानिक प्रगति के साथ-साथ युवाओं में विश्वास और अवसर देने की प्रतिबद्धता का प्रतीक है।
अपने संदेश के समापन में उन्होंने कहा —
> “तकनीक आधारित कौशल आने वाले वर्षों में न केवल नौकरियां दिलाएगा, बल्कि युवाओं को उद्यमी भी बनाएगा। राजस्थान का युवा यदि आज संकल्प लेता है कि वह कुछ नया सीखेगा, तो कल वह भारत के सम्मान की सबसे बड़ी वजह बनेगा।”