रक्षाबंधन पर कोटपूतली में मिठाइयों की जबरदस्त बिक्री, गुणवत्ता पर निगरानी जरूरी — खाद्य विभाग की भूमिका अहम

कोटपूतली।

रक्षाबंधन के पर्व पर शानिवार को शहर के बाजार में मिठाइयों की दुकानों पर सुबह से ही ग्राहकों की भीड़ उमड़ पड़ी। वहीं लोगों ने रेडियो पर भी मिठाइयां खरीद खरीद कर बेची । लड्डू, बरफी, रसगुल्ले, मिल्क केक और सोहन पापड़ी जैसी मिठाइयों की जमकर खरीद- हुई। कई प्रतिष्ठानों पर तो दोपहर से पहले ही पहला स्टॉक खत्म हो गया और मिठाई बनाने वाले कारीगर देर रात तक ताजा बैच तैयार करते रहे।

त्योहारी रौनक के बीच, मिठाइयों की भारी खपत के साथ उनकी गुणवत्ता और शुद्धता को लेकर सजगता जरूरी है। अक्सर त्योहारों में बढ़ती मांग के कारण कई जगह मिठाइयों के ताजेपन, मिलावट और स्वच्छता पर सवाल खड़े हो सकते हैं। ऐसे में खाद्य सुरक्षा विभाग और स्वास्थ्य विभाग की सक्रियता बेहद अहम हो जाती है।

खाद्य सुरक्षा अधिकारी नेहा शर्मा और कोटपूतली के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. आशीष शेखावत के निर्देशन में यदि समय-समय पर बाजार में सैंपल जांच और निरीक्षण की कार्रवाई हो, तो यह न केवल उपभोक्ताओं के स्वास्थ्य की रक्षा करेगा बल्कि मिठाई विक्रेताओं को भी गुणवत्ता बनाए रखने के लिए प्रेरित करेगा।

स्थानीय नागरिकों का मानना है कि त्योहारी सीजन में विभागीय टीमें दुकानों पर आकस्मिक निरीक्षण करें, ताकि बाजार में केवल ताजी और सुरक्षित मिठाइयां ही पहुंचें। स्वास्थ्य विशेषज्ञ भी चेतावनी देते हैं कि ज्यादा समय तक रखी मिठाई खाने से फूड प्वाइजनिंग और अन्य स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं, इसलिए खरीदारी करते समय मिठाई की ताजगी, रंग और गंध पर विशेष ध्यान देना चाहिए।

खाद्य सुरक्षा अधिकारी नेहा शर्मा ने कहा,त्योहारी सीजन में मिठाइयों की मांग बढ़ना स्वाभाविक है, लेकिन हमारी प्राथमिकता यह है कि उपभोक्ताओं तक केवल शुद्ध और सुरक्षित मिठाई ही पहुंचे। बाजार में निरीक्षण और सैंपल जांच की कार्रवाई लगातार जारी रहेगी।”
नेहा शर्मा, खाद्य सुरक्षा अधिकारी, कोटपूतली

सीएमएचओ डॉ. आशीष शेखावत ने कहा, “स्वास्थ्य से जुड़ी कोई भी लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। त्योहार के समय हमारा प्रयास रहेगा कि सभी दुकानदार स्वच्छता के मानकों का पालन करें और जनता सतर्क रहकर ही मिठाइयों की खरीद करे।”
— डॉ. आशीष शेखावत, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, कोटपूतली

रक्षाबंधन की मिठास जहां भाई-बहन के रिश्ते को मजबूत करती है, वहीं यह भी जरूरी है कि मिठास के साथ स्वास्थ्य का स्वाद भी बरकरार रहे। जागरूक उपभोक्ता, जिम्मेदार विक्रेता और सतर्क प्रशासन मिलकर ही त्योहार की असली मिठास बनाए रख सकते हैं।