अवैध कट होंगे बंद, ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन पर सख्त कार्रवाई; रक्षासूत्र के साथ रोड सेफ्टी का संकल्प जरूरी – एसपी विश्नोई
कोटपूतली-बहरोड़।

रक्षाबंधन के पावन पर्व पर जिले के पुलिस अधीक्षक देवेंद्र कुमार विश्नोई ने क्षेत्रवासियों को शुभकामनाएं प्रेषित की हैं और साथ ही एक बेहद महत्वपूर्ण सामाजिक संदेश भी दिया है। उन्होंने कहा कि यह पर्व केवल भाई की कलाई पर राखी बांधने का नहीं, बल्कि उसकी सुरक्षा सुनिश्चित करने का भी अवसर है। इस बार बहनें अपने भाइयों से केवल रक्षा का नहीं, बल्कि सड़क सुरक्षा का भी वचन लें। उन्होंने कहा कि सड़कों पर लापरवाही और ट्रैफिक नियमों की अनदेखी के कारण लगातार दुर्घटनाएं बढ़ रही हैं, जिनमें युवा वर्ग सबसे अधिक प्रभावित हो रहा है। रक्षाबंधन के इस शुभ अवसर पर यदि हर भाई यह संकल्प ले कि वह हेलमेट लगाएगा, ट्रैफिक नियमों का पालन करेगा, मोबाइल का प्रयोग वाहन चलाते समय नहीं करेगा और अपनी व दूसरों की जान की कीमत समझेगा, तो यह सच्चे अर्थों में बहन की रक्षा मानी जाएगी।
एसपी विश्नोई ने कहा कि कोटपूतली-बहरोड़ जिले में सड़क दुर्घटनाओं की रोकथाम के लिए पुलिस प्रशासन की ओर से गंभीर प्रयास किए जा रहे हैं। इसमें सबसे पहले अवैध कटों को बंद करवाने की कार्यवाही शुरू की गई है, क्योंकि ऐसे कट दुर्घटनाओं के बड़े कारण हैं। इसके अलावा विभिन्न विभागों से समन्वय स्थापित कर सड़क संरचना को सुधारने और ट्रैफिक संचालन को व्यवस्थित करने की दिशा में ठोस कार्यवाही की जा रही है। साथ ही आमजन में जागरूकता फैलाने के लिए विशेष अभियान भी चलाए जा रहे हैं। उन्होंने सभी वाहन चालकों से अपील की कि वे मोटर वाहन अधिनियम (एमवी एक्ट) के नियमों का पूर्णतः पालन करें। दोपहिया वाहन चालक हेलमेट अवश्य पहनें, चार पहिया चालकों के लिए सीट बेल्ट अनिवार्य है, और सबसे अहम बात—चलते वाहन में मोबाइल फोन का उपयोग न करें।
उन्होंने कहा कि ट्रैफिक नियमों का पालन केवल कानून से डरने के लिए नहीं, बल्कि स्वयं की और समाज की सुरक्षा के लिए जरूरी है। यदि हर व्यक्ति इस जिम्मेदारी को समझे, तो दुर्घटनाएं स्वतः ही कम हो जाएंगी। उन्होंने रक्षाबंधन पर विशेष रूप से महिलाओं से आग्रह किया कि वे अपने भाइयों को राखी बांधते समय यह संकल्प दिलवाएं कि वे जीवनभर सड़क पर सतर्कता और नियमों का पालन करेंगे। एसपी विश्नोई ने कहा कि हम जितना अपने घर के अंदर रिश्तों को निभाने के लिए सजग हैं, उतना ही घर के बाहर, खासकर सड़कों पर भी जिम्मेदार होना होगा। रक्षासूत्र तभी सार्थक है जब हम अपनों की रक्षा के साथ-साथ समाज की सुरक्षा में भी योगदान दें।

REPORT -SEETARAM GUPTA