
जयपुर। राजस्थान एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) ने मंगलवार सुबह पावटा–प्रागपुरा नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी फतेह सिंह मीणा के जयपुर, अलवर, नीमकाथाना सहित विभिन्न ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की। भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की यह कार्रवाई मीणा की संदिग्ध रूप से आय से अधिक संपत्ति को लेकर की गई, जिसमें चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं।
सुबह लगभग 7:30 बजे एसीबी की टीम ने एक ही समय पर फतेह सिंह मीणा के जगतपुरा स्थित फ्लैट, नीमकाथाना की कृषि भूमि, अलवर के थानागाजी क्षेत्र स्थित फार्म हाउस और पैतृक गांव सहित कुल छह ठिकानों पर दबिश दी। प्रारंभिक जांच में ही मीणा की संपत्ति उनकी ज्ञात आय से करीब 273 प्रतिशत अधिक पाई गई। उनके पास जयपुर में दो लग्जरी फ्लैट, एक हेक्टेयर से अधिक कृषि भूमि, 15 बीघा जमीन और लगभग 80 लाख रुपये की बेनामी संपत्ति के दस्तावेज मिले हैं। इन दस्तावेजों में अलग-अलग व्यक्तियों के नाम से की गई रजिस्ट्री व फर्जी निवेश के कागजात शामिल हैं।
एसीबी के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ज्ञान सिंह चौधरी के नेतृत्व में की गई इस कार्रवाई में जयपुर, विराटनगर, थानागाजी, नीमकाथाना व कोटपूतली में फैले संपत्ति के दस्तावेज एकत्र किए गए हैं। मीणा के कथित सहयोगी प्रमोद कुमार वर्मा और कैलाश गुर्जर के ठिकानों पर भी छापेमारी की गई, जिनके जरिए अवैध निवेश और लेन-देन की पुष्टि की जा रही है।
कार्रवाई के दौरान बरामद दस्तावेजों में पावटा, प्रागपुरा और आसपास के क्षेत्रों में की गई संदिग्ध खरीद-फरोख्त और निर्माण कार्यों से जुड़े फाइलें भी मिली हैं, जिससे नगर पालिका में हुए संभावित भ्रष्टाचार की परतें खुल रही हैं। एसीबी अधिकारियों का कहना है कि बरामद दस्तावेजों की गहन जांच के बाद भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज किया जाएगा और आवश्यक होने पर गिरफ्तारी की कार्रवाई भी की जाएगी।
राजस्थान में भ्रष्टाचार के विरुद्ध सरकार के निर्देश पर एसीबी की यह एक और बड़ी कार्रवाई मानी जा रही है, जिससे न केवल प्रशासनिक व्यवस्था में पारदर्शिता की उम्मीद बढ़ी है, बल्कि यह भी संकेत मिला है कि भ्रष्टाचार में लिप्त किसी भी अधिकारी को बख्शा नहीं जाएगा। फिलहाल एसीबी की जांच जारी है और आने वाले दिनों में इस मामले में और भी बड़े खुलासे हो सकते हैं।