सेवा भारती समिति कोटपूतली द्वारा सातवां प्रतिभा सम्मान समारोह सम्पन्न, 70 मेधावी छात्र-छात्राओं सहित उनके अभिभावकों, प्रधानाचार्यों एवं शिक्षकों का हुआ भव्य सम्मान; कार्यक्रम में सेवा भारती के चार आयामों—शिक्षा, स्वास्थ्य, स्वावलंबन एवं सामाजिक समरसता—की दी गई जानकारी
कोटपूतली।(सीताराम गुप्ता)






सेवा भारती समिति, कोटपूतली द्वारा आज “एकलव्य की परंपरा को जीवित रखने” की भावना के साथ राजकीय विद्यालयों के मेधावी छात्र-छात्राओं को सम्मानित करने हेतु सातवां प्रतिभा सम्मान समारोह आयोजित किया गया। कार्यक्रम का आयोजन पावन वातावरण में हुआ जिसमें विद्यार्थियों, अभिभावकों, शिक्षकों और समाज के समर्पित सेवकों ने सहभागिता निभाई। समारोह के अंतर्गत 70 से अधिक मेधावी बालक-बालिकाओं को सम्मानित किया गया, जिनमें से प्रत्येक को समिति द्वारा दुपट्टा ओढ़ाकर, प्रमाण पत्र एवं स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया गया। साथ ही इन विद्यार्थियों को शिक्षा की ऊँचाइयों पर पहुँचाने वाले उनके अभिभावकों, शिक्षकों और संबंधित प्रधानाचार्यों को भी सामूहिक रूप से सम्मान प्रदान किया गया।
कार्यक्रम का शुभारंभ भारतीय परंपरा अनुसार दीप प्रज्वलन और वैदिक दीप मंत्रोच्चार के साथ हुआ। समापन भी कल्याण मंत्र के साथ किया गया, जिससे आयोजन में आध्यात्मिक ऊर्जा और सामाजिक सरोकार की समरसता बनी रही। कार्यक्रम की अध्यक्षता सेवा भारती समिति के जिला अध्यक्ष प्रवीण भूषण ने की। मुख्य अतिथि के रूप में सेवानिवृत्त प्रधानाचार्य रघुवीर सिंह शेखावत उपस्थित रहे। समारोह के मुख्य वक्ता रहे सेवा भारती के प्रांतीय शिक्षा आयाम प्रमुख एवं पूर्व जिला शिक्षा अधिकारी मोहनलाल शर्मा, जिन्होंने अपने ओजस्वी उद्बोधन में कहा कि “संस्कारविहीन शिक्षा केवल सूचनाओं का संग्रह है, जबकि सेवा भारती शिक्षा को जीवन मूल्य और राष्ट्र निर्माण से जोड़ने का कार्य कर रही है।” उन्होंने कहा कि विद्यार्थी केवल डिग्री नहीं, दिशा लेकर आगे बढ़ें, यही आज की आवश्यकता है। शिक्षा, समाज और संस्कृति का समन्वय ही राष्ट्र की मजबूती का आधार है।
कार्यक्रम में सेवा भारती के प्रमुख चार आयामों—शिक्षा, स्वास्थ्य, स्वावलंबन और सामाजिक समरसता—की विस्तृत जानकारी भी दी गई। बताया गया कि सेवा भारती समिति कोटपूतली क्षेत्र में निर्धन, ग्रामीण और पिछड़े वर्ग के विद्यार्थियों के लिए निशुल्क शिक्षण केंद्र चला रही है, जहां बालकों को गुणवत्ता युक्त शिक्षा के साथ-साथ भारतीय संस्कृति के संस्कार भी दिए जाते हैं। स्वास्थ्य के क्षेत्र में समिति द्वारा समय-समय पर चिकित्सकीय शिविर, औषधि वितरण और स्वास्थ्य जागरूकता कार्यक्रम चलाए जाते हैं। स्वावलंबन के अंतर्गत समिति द्वारा महिलाओं और युवतियों के लिए सिलाई-कढ़ाई जैसे प्रशिक्षण केंद्र संचालित किए जा रहे हैं, जिससे वे आत्मनिर्भर बन सकें। सामाजिक समरसता के क्षेत्र में जातीय भेदभाव और सामाजिक विषमता से ऊपर उठकर सेवा भारती “सब एक हैं” की भावना को समाज में स्थायी रूप से स्थापित करने हेतु कार्य कर रही है।
कार्यक्रम का संचालन अत्यंत व्यवस्थित और प्रभावशाली ढंग से समिति के जिला सह मंत्री ताराचंद सैनी तथा प्रकल्प प्रमुख सत्यनारायण कौशिक द्वारा किया गया। इस अवसर पर कार्यक्रम को संगीतमय और भावविभोर बनाने का कार्य विभाग कुटुंब प्रबोधक के मुन्नालाल मधुर ने किया, जिन्होंने देशभक्ति गीतों और भजनों के माध्यम से सभी उपस्थितजनों के हृदय को छू लिया। उनके भजनों में देश सेवा, मातृभूमि और सामाजिक एकता का सन्देश प्रतिध्वनित हुआ।
इस अवसर पर मंच पर मौजूद वक्ताओं ने सेवा भारती समिति की प्रशंसा करते हुए कहा कि यह संस्था केवल सेवा की बात नहीं करती, बल्कि उसे क्रियान्वित भी करती है। यह समारोह केवल पुरस्कार वितरण नहीं, बल्कि उन मूल्यों का उत्सव था जो एक सशक्त, स्वाभिमानी और संस्कारवान भारत की नींव रखते हैं। कार्यक्रम में लगभग ढाई सौ से अधिक अभिभावक, शिक्षक, समाजसेवी, छात्र-छात्राएं एवं सेवा भारती के कार्यकर्ता उपस्थित रहे।
समारोह का संपूर्ण वातावरण प्रेरणादायी, भावनात्मक और राष्ट्रवादी भावों से ओतप्रोत रहा। यह आयोजन न केवल विद्यार्थियों के आत्मबल को बढ़ाने वाला सिद्ध हुआ, बल्कि समाज में सकारात्मक ऊर्जा, सेवा भावना और सांस्कृतिक गौरव का संचार भी कर गया।
कार्यक्रम में जयपुर प्रांत सहमंत्री महेश गोयल विभाग कुटुंब प्रबोधक मुन्नालाल मधुर सह मंत्री ताराचंद जी जिला प्रकल्प प्रमुख सत्यनारायण कौशिक सेवा भारती जिला मंत्री महेश चंद सैनी रामकिशोर भूपेंद्र सोनी बिना सोनी रजनी सैनी टेकचंद टेलर रमेश बंसल किताब वाले सुरेंद्र किशन शरण निरंजन लाल गुप्ता शिव कुमार गोयल सुभाष गुप्ता विजय आर्य अमर सिंह अमिता भटनागर सुरेश मीणा अमित गोस्वामी सीताराम गुप्ता राकेश रोहिल्ला एबीवीपी पूर्व जिला संयोजक अनमोल गोयल ,प्रदीप स्वामी राधा देवी अंबिका शेखावत पूजा कुसुम शेखावत आदि उपस्थित रहे ।