राजकीय बीडीएम जिला चिकित्सालय, कोटपूतली के चर्म रोग विशेषज्ञ डॉ. कसाना अपनी संवेदनशील सेवा भावना से बने जनविश्वास के प्रतीक
कोटपूतली।



कहा गया है — “नर सेवा ही नारायण सेवा है”, और इस पवित्र विचार को अपने कर्म से साकार कर रहे हैं डॉ. महेश कसाना, जो राजकीय बीडीएम जिला चिकित्सालय, कोटपूतली में चर्म रोग विशेषज्ञ के पद पर कार्यरत हैं। चिकित्सा सेवा को उन्होंने केवल पेशा नहीं, बल्कि मानवता की साधना बना लिया है। उनका हर दिन जरूरतमंदों की पीड़ा दूर करने, मरीजों को सही उपचार व आत्मबल देने में बीतता है।
डॉ. कसाना अपने सरल स्वभाव, स्नेहपूर्ण व्यवहार और निस्वार्थ सेवा के लिए जाने जाते हैं। वे मरीजों से परिवार की तरह मिलते हैं, उनकी तकलीफ को समझते हैं और चिकित्सा परामर्श में हमेशा मानवीय दृष्टिकोण अपनाते हैं। यही कारण है कि दूर-दराज़ के ग्रामीण इलाकों से भी लोग उनकी चिकित्सा सेवाओं का लाभ लेने कोटपुतली पहुँचते हैं।
राजकीय चिकित्सालय जैसे व्यस्त संस्थान में भी डॉ. कसाना का कार्यशैली अनुकरणीय है। सीमित संसाधनों के बावजूद वे मरीजों की हरसंभव मदद करते हैं। अनेक बार गरीब व असहाय मरीजों के लिए वे स्वयं आवश्यक दवाएँ उपलब्ध करवाते हैं और समाजसेवी संगठनों से भी उन्हें सहयोग दिलाने का प्रयास करते हैं।
उनके सहकर्मी चिकित्सक व नर्सिंग स्टाफ भी बताते हैं कि डॉ. कसाना का व्यवहार सदैव सकारात्मक और प्रेरक रहता है। वे न केवल अपने विभाग में उत्कृष्ट कार्य करते हैं, बल्कि स्वच्छता, समयपालन और मरीजों के प्रति संवेदनशीलता के लिए दूसरों को भी प्रेरित करते हैं।
स्थानीय नागरिकों का कहना है कि डॉ. महेश कसाना ने चिकित्सा क्षेत्र में “सेवा को पूजा” मानकर अपने कार्य से एक नई पहचान बनाई है। उनकी सेवा भावना इस बात का जीता-जागता प्रमाण है कि जब डॉक्टर अपने पेशे को मानवता की दृष्टि से देखते हैं, तो समाज में विश्वास और करुणा दोनों का संचार होता है।
डॉ. कसाना की कार्यशैली हमें यह सिखाती है कि सच्चा चिकित्सक वही है, जो अपने ज्ञान, समय और परिश्रम को केवल दवा नहीं, बल्कि दुआ बना देता है।
रिपोर्ट। सीताराम गुप्ता
 
								




