



कोटपूतली, 29 जून।
संस्कारशील समाज निर्माण की दिशा में सतत प्रयासरत सेवा भारती समिति कोटपूतली द्वारा रविवार को बसंत प्रभु आदर्श विद्या मंदिर में मासिक प्रकल्प शिक्षिका एवं कार्यकर्ता प्रशिक्षण वर्ग का आयोजन किया गया। यह वर्ग न केवल ज्ञानवर्धन का माध्यम रहा, बल्कि शिक्षिकाओं को अपनी भूमिका को और अधिक प्रभावशाली रूप से निभाने की प्रेरणा व दिशा भी प्रदान करने वाला बना।
प्रशिक्षण सत्र का संचालन सेवा भारती राजस्थान प्रांत के सह मंत्री महेश कुमार गोयल ने किया। उन्होंने विशेष रूप से “प्रकल्पों में हनुमान चालीसा पाठ क्यों आवश्यक है” विषय पर विस्तृत विचार साझा करते हुए बताया कि हनुमान जी शक्ति, भक्ति, सेवा और आत्मविश्वास के प्रतीक हैं। उन्हें अजर–अमर माना गया है और उनका स्मरण बच्चों के जीवन में आत्मबल, चरित्र और श्रद्धा की नींव डालने में सहायक है। उन्होंने कहा कि सप्ताह में मंगलवार व शनिवार को हनुमान चालीसा का सामूहिक पाठ बालकों में नियमितता, अनुशासन और सकारात्मक ऊर्जा जाग्रत करता है, जिससे उनके व्यक्तित्व में आत्मविश्वास और आध्यात्मिक दृष्टिकोण का समावेश होता है।
मुख्य वक्ता गोयल ने प्रशिक्षण के दौरान एक प्रेरणादायक कथा भी साझा की, जिसमें एक मूर्तिकार द्वारा बनाई गई तीन मूर्तियों के माध्यम से यह स्पष्ट किया गया कि केवल शारीरिक सुंदरता ही नहीं, बल्कि भाव, समर्पण और उद्देश्यपूर्ण निर्माण ही वास्तविकता को दर्शाते हैं। यह कहानी शिक्षिकाओं को यह संदेश देती है कि वे केवल शिक्षा नहीं दें, बल्कि भाव और संस्कारों से भी बच्चों के व्यक्तित्व को तराशें।
प्रशिक्षण में शिक्षिकाओं को प्रकल्प गीतों का नियमित अभ्यास, भजन गायन, वर्तनी सुधार और निरंतर दोहराव की विधियाँ समझाई गईं, जिससे बाल संस्कार केंद्रों में पाठ्यक्रम की गहराई और बच्चों की संप्रेषण शक्ति मजबूत हो सके। साथ ही यह भी सिखाया गया कि बच्चों को कैसे सरल और रोचक तरीकों से बारहखड़ी, मंत्र, जीवन मूल्य और नैतिक शिक्षाएं दी जा सकती हैं।
इस अवसर पर प्रकल्प शिक्षिकाएं वंशिका सोनी, चंचल, आइशा शर्मा, अम्बिका शेखवात, कुसुम तंवर, प्रिया, शेखावत,विभिन्न प्रकल्पों की शिक्षिकाओं ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। कार्यक्रम में सत्यनारायण कौशिक, रामकिशोर सैनी, सुरेंद्र बालस्या, टेकचंद टेलर, भूपेंद्र सोनी, सुरेश मीणा, विजय आर्य, महेश चंद सैनी, छाजूराम सैनी, अमरसिंह कुमावत और पुरुषोत्तम सोनी जैसे अनुभवी कार्यकर्ता गरिमामयी उपस्थिति के साथ मौजूद रहे, जिन्होंने प्रशिक्षण में मार्गदर्शन प्रदान किया।
कार्यक्रम के अंत में कई महत्वपूर्ण निर्णय भी लिए गए, जिनमें प्रमुख रूप से यह तय किया गया कि सभी बाल संस्कार केंद्रों पर नियमित रूप से प्रार्थना, प्रकल्प गीत, बारहखड़ी अभ्यास, हनुमान चालीसा पाठ, भजन और संस्कार आधारित गतिविधियाँ कराई जाएंगी। प्रत्येक बस्ती में महिलाओं की एक सेवा टोली गठित की जाएगी जो स्थानीय गतिविधियों को और सक्रियता से आगे बढ़ाएगी। जिला मंत्री महेश चंद सैनी ने जानकारी दी कि हर प्रकल्प पर वार्षिकोत्सव आयोजित किया जाएगा तथा सभी कार्यकर्ता अपने-अपने प्रकल्प पर नियमित प्रवास करेंगे ताकि बच्चों, अभिभावकों और समाज से सीधा संवाद बना रहे।
सेवा भारती कोटपूतली का यह प्रशिक्षण वर्ग केवल एक शिक्षण सत्र न होकर समाज जागरण का एक सशक्त मंच सिद्ध हुआ। यह वर्ग बालकों के शारीरिक, मानसिक और आत्मिक विकास के साथ-साथ राष्ट्र निर्माण के मूल तत्वों की शिक्षा का आधार बनकर उभरा। यहां शिक्षिकाओं को केवल पाठ्यक्रम की जानकारी नहीं दी गई, बल्कि उन्हें यह भी बताया गया कि कैसे वे समाज में संस्कारों की वाहक बन सकती हैं।
यह आयोजन निःसंदेह एक ऐसी पहल है जो आने वाली पीढ़ियों को सशक्त, संस्कारित और राष्ट्रप्रेम से ओतप्रोत बनाने की दिशा में सेवा भारती का मजबूत कदम है, जो समाज को जागरूक करने और सामूहिक चेतना को जाग्रत करने का कार्य कर रहा है।
REPORT-SEETARAM GUPTA





