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संस्कृतभारती के तीन दिवसीय भाषाबोधन वर्ग का हुआ शुभारंभप्रत्येक भारतीय के डीएनए में है संस्कृत भाषा – कमलकांत शर्मा

कोटपूतली-बहरोड़।
कोटपूतली-बहरोड़ जिले के रिवालधाम (मलपुरा) स्थित ज्ञानज्योति गुरुकुल में संस्कृत भारती द्वारा आयोजित तीन दिवसीय आवासीय भाषाबोधन वर्ग का शुभारंभ हुआ। इस आयोजन में जयपुर प्रांत के अंतर्गत आने वाले कोटपूतली-बहरोड़, खेरथल, तिजारा एवं अलवर जनपद की लगभग 60 बालक-बालिकाएं संस्कृत संभाषण शिविर में भाग ले रही हैं।

कार्यक्रम की अध्यक्षता ज्ञानज्योति गुरुकुल के कुलपति स्वामी गणेशनन्द जी महाराज ने की। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि संस्कृत भाषा के संरक्षण से ही हमारी संस्कृति का संरक्षण संभव है। संस्कारवान पीढ़ी के निर्माण के लिए बालकों को संस्कृत भाषा का ज्ञान आवश्यक है।

स्वामी जी ने संस्कृत भाषा को पुनः जनभाषा बनाने के लिए संस्कृत भारती द्वारा किए जा रहे प्रयासों की सराहना की। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि संस्कृत भारती के कमलकांत शर्मा ने अपने उद्बोधन में कहा कि संस्कृत भाषा प्रत्येक भारतीय के डीएनए में समाहित है। बस हमें इसे पहचानने और अपनाने की आवश्यकता है।

कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि डॉ. रामकांत शर्मा एवं डॉ. बुद्धि प्रकाश जांगिड़ रहे। मंच संचालन डॉ. उम्मेद सिंह ने किया।