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प्रतापगढ़ पुलिस का एक्शन: मंदिरों से चंदन पेड़ व दानपात्र चोरी मामले में हिस्ट्रीशीटर सहित 2 गिरफ्तार

  • सीसीटीवी और तकनीकी सहायता से सुलझी वारदात; चोर गिरोह का सदस्य और खरीदार सलाखों के पीछे

जयपुर 21 जुलाई। जिला पुलिस अधीक्षक विनीत कुमार बंसल के निर्देशानुसार चोरी और नकबजनी की घटनाओं के खुलासे तथा वांछित अपराधियों की धरपकड़ के लिए चलाए जा रहे अभियान के तहत प्रतापगढ़ पुलिस को बड़ी सफलता मिली है। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक प्रतापगढ़ परबत सिंह के मार्गदर्शन में थानाधिकारी छोटीसादड़ी प्रवीण टांक के नेतृत्व में गठित पुलिस टीम ने मंदिरों से चंदन पेड़ व दानपात्र चोरी के मामले में आरोपी श्याम लाल मीणा और चोरी का चंदन खरीदने वाले हिस्ट्रीशीटर फैयाज मोहम्मद को गिरफ्तार कर लिया है।
एसपी बंसल ने बताया कि 1 जुलाई को ओमप्रकाश जावरी निवासी भंवर माता रोड ने रिपोर्ट दर्ज कराई कि भंवर माता रोड स्थित महात्मा गांधी विद्यालय के पास बने बालाजी धाम मंदिर से रात में अज्ञात चोरों ने मुख्य मंदिर का ताला तोड़कर दानपात्र चोरी कर लिया। इसके साथ ही दाता भैरू परिसर में स्थित पंचमुखी बालाजी मंदिर से चंदन का पेड़ भी चुरा ले गए। इस संबंध में थाना छोटीसादड़ी में प्रकरण दर्ज कर अनुसंधान शुरू किया गया था।
घटना की गंभीरता को देखते हुए एसपी बंसल के निर्देश पर एक विशेष पुलिस टीम का गठन किया गया। इस टीम ने सीसीटीवी फुटेज की गहन जांच की और आसूचना व तकनीकी सहयोग का उपयोग करते हुए बदमाशों की पहचान की। जांच के आधार पर चोर गिरोह के सदस्य श्यामलाल मीणा पुत्र नाथुलाल (32) निवासी नेन सुखों का खेड़ा, लालपुरा छोटीसादड़ी को हिरासत में लिया गया। पूछताछ में श्यामलाल ने अपने साथियों के साथ मिलकर चोरी की वारदात को अंजाम देना स्वीकार किया।
उसने बताया कि चोरी का चंदन उसने फयाज मोहम्मद (45) निवासी पिथवलवाड़ी, छोटीसादड़ी को बेचा था। इसके बाद पुलिस ने फयाज मोहम्मद को भी हिरासत में लेकर पूछताछ की और बाद में उसे गिरफ्तार कर लिया। गौरतलब है कि अभियुक्त फयाज मोहम्मद थाना छोटीसादड़ी का हिस्ट्रीशीटर है और उसके खिलाफ पहले से ही 16 आपराधिक प्रकरण दर्ज हैं।
इस प्रकरण में अनुसंधान अभी भी जारी है और पुलिस अन्य वांछित अभियुक्तों की तलाश कर रही है। इस सफल कार्रवाई में एसएचओ प्रवीण टांक सहित एसआई नारायण लाल, एएसआई भंवर सिंह, अर्जुन सिंह, हैड कांस्टेबल महेश कुमार, सुरेश कुमार, कांस्टेबल रामराज, हरेन्द्र सिंह शामिल थे।
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