
- एसपी अमित कुमार के नेतृत्व में बड़े खुलासे, 5 शातिर चोर गिरफ्तार; चोरी, नकबजनी, लूट के 33 मामले सुलझे
जयपुर 29 जुलाई। झालावाड़ जिले में वाहन चोरी और नकबजनी की बढ़ती वारदातों में राहत की बढ़िबसाँस मिली है। झालावाड़ पुलिस ने एक बड़ी सफलता हासिल करते हुए एक अंतरराज्यीय और बेहद शातिर वाहन चोर गिरोह का पर्दाफाश किया है। पुलिस थाना कोतवाली की टीम ने ₹15 लाख की अनुमानित कीमत की 11 मोटरसाइकिलें और एक महंगी स्विफ्ट कार सहित कुल 12 चोरी के वाहन बरामद किए हैं। इस कार्रवाई में गिरोह के सरगना सहित 5 सदस्यों को गिरफ्तार किया गया है, जिनके खिलाफ चोरी, नकबजनी, लूटपाट और हत्या के प्रयास जैसे कुल 33 संगीन मामले दर्ज हैं।
जिला पुलिस अधीक्षक अमित कुमार ने जिले में बढ़ती आपराधिक गतिविधियों विशेषकर वाहन चोरी और नकबजनी की घटनाओं को गंभीरता से लेते हुए समस्त थाना अधिकारियों को अपनी-अपनी टीमों को सक्रिय कर अपराधियों की धरपकड़ के लिए एक विशेष अभियान चलाने के निर्देश दिए थे। ‘ऑपरेशन क्लीन स्वीप’ के तहत थाना कोतवाली पुलिस टीम ने इस चुनौतीपूर्ण कार्य को अंजाम दिया और एक संगठित गिरोह की कमर तोड़ दी।
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक चिरंजी लाल मीणा और वृत्ताधिकारी हर्षराज सिंह खरेड़ा के निर्देशन और एसएचओ कोतवाली रामकेश मीणा के नेतृत्व में एक विशेष टीम का गठन किया गया। इस टीम ने अत्यंत सावधानी और तकनीकी दक्षता का प्रयोग किया।
टीम ने सबसे पहले चोरी की वारदातों वाले सभी स्थानों को चिन्हित किया। घटना स्थलों के आसपास लगे सीसीटीवी फुटेजों का गहन और बारीक विश्लेषण किया गया, जिससे संदिग्ध व्यक्तियों की पहचान में मदद मिली। संदिग्धों की धरपकड़ के लिए, सादा वस्त्रों में पुलिसकर्मियों को उन स्थानों पर लगातार तैनात रखा गया जहाँ चोरी की घटनाएँ ज़्यादा होती थीं।वइस सतत निगरानी से वाहन चोरी करने वाली गैंग की पहचान सुनिश्चित की गई और एक सटीक एक्शन प्लान तैयार किया गया।
शहर झालावाड़ में वाहन चुराकर भागने वाले रास्तों पर कड़ी नाकाबंदी की गई। चेकिंग के दौरान कई संदिग्धों को मोटर साइकिलों के साथ पकड़ा गया। गहन पूछताछ में इन मोटरसाइकिलों के चोरी की होने की पुष्टि हुई, जिसके बाद तत्काल गिरफ्तारियाँ की गईं। गिरफ्तार किए गए सभी अभियुक्त बेहद शातिर और आदतन अपराधी हैं। इनका आपराधिक रिकॉर्ड चौंकाने वाला है।
गिरफ्तार समीर उर्फ टूण्डा (28) निवासी पीलखाना मौहल्ला गिरोह का सरगना है, जिसके खिलाफ नकबजनी, चोरी, लूट, आर्म्स एक्ट, हत्या के प्रयास, एक्साइज एक्ट जैसे 20 संगीन प्रकरण दर्ज हैं। साथी कैलाश चन्द (25) निवासी कुशलपुरा के खिलाफ चोरी, नकबजनी, आर्म्स एक्ट सहित 7 प्रकरण, शाहिद खान उर्फ चम्मू (30) निवासी के खिलाफ नकबजनी, एक्साइज एक्ट सहित 4 प्रकरण, सुरेन्द्र धाकड़ (26) निवासी हरिगढ खेड़ा के खिलाफ चोरी, आर्म्स एक्ट के 2 प्रकरण और आकाश (25) निवासी कुम्हार मोहल्ला धुलेट कोटा ग्रामीण का आपराधिक इतिहास खंगाला जा रहा है।
‘मास्टर चाबी’ और रंग बदलने का खेल:
पूछताछ में इन अपराधियों ने वाहन चोरी के तरीके का खुलासा किया। ये अधिकतर हीरो कंपनी की बाईक को निशाना बनाते थे, क्योंकि उनकी बाजार में अच्छी मांग होती है और उन्हें आसानी से बेचा जा सकता है। भीड़-भाड़ वाली जगहों पर वाहनों की रेकी करते थे। जैसे ही कोई व्यक्ति अपना वाहन खड़ा करके जाता था, ये तुरंत ‘मास्टर चाबी’ का उपयोग कर गाड़ी का लॉक खोलते थे।
चोरी किए गए वाहनों को सुनसान स्थानों या झाड़ियों में छिपा देते थे। पहचान से बचने के लिए तुरंत नंबर प्लेट हटा देते थे, उन पर दूसरी गाड़ियों की नंबर प्लेट लगा देते थे या गाड़ी का रंग भी बदल देते थे। इंजन नंबर और चेसिस नंबर भी मिटाने का प्रयास करते थे। बाद में इन चोरी की गाड़ियों को औने-पौने दामों में बेचकर अपने महंगे शौक पूरे करते थे।
गिरफ्तार अभियुक्तों से गहन पूछताछ जारी है और उम्मीद है कि झालावाड़ सहित आसपास के जिलों में चोरी की और भी कई वारदातों का खुलासा हो सकता है। इस महत्वपूर्ण सफलता में सहायक उप निरीक्षक अशोक कुमार, कांस्टेबल राजेश स्वामी, कांस्टेबल चंद्रशेखर और कांस्टेबल भीम सिंह की विशेष भूमिका रही, जिनके अथक प्रयासों और बुद्धिमत्ता से इस गिरोह का पर्दाफाश संभव हो सका।
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