— कोटपूतली स्काउट-गाइड ग्रीष्मकालीन शिविर में बाल प्रतिभा की अद्वितीय चमक —


कोटपूतली।
“प्रतिभा न उम्र की मोहताज होती है, न ही किसी मंच की…”
इस पंक्ति को साकार कर दिखाया है पार्थ अग्रवाल पुत्र श्री मनोज दीवान ने, जिन्होंने राजस्थान राज्य भारत स्काउट व गाइड स्थानीय संघ कोटपूतली के तत्वावधान में आयोजित ग्रीष्मकालीन कौशल विकास एवं अभिरुचि शिविर में अपने अनुकरणीय प्रदर्शन से सबका दिल जीत लिया।
लगातार एक माह तक चले इस बहुपरिवेशीय शिविर में पार्थ ने न केवल अपनी गतिविधियों में श्रेष्ठता दिखाई, बल्कि अनुशासन, समय की पाबंदी, सकारात्मक स्वभाव और सहकारिता जैसे गुणों से भी एक प्रेरणादायी उदाहरण प्रस्तुत किया।
शिविर में पार्थ की संजीदगी, हर गतिविधि में सक्रिय भागीदारी और व्यवहार में विनम्रता ने उन्हें प्रशिक्षकों, आयोजकों व अन्य प्रतिभागियों के बीच विशेष सम्मान दिलाया। यही कारण रहा कि समापन समारोह के अवसर पर आयोजक संस्था की ओर से विशेष रूप से सम्मानित कर उनका सार्वजनिक अभिनंदन किया गया।
शिविर निदेशक एवं वरिष्ठ पदाधिकारियों ने कहा—
पार्थ जैसे प्रतिभाशाली और अनुशासित बालक किसी भी आयोजन की आत्मा होते हैं। उनका व्यवहार और सहभागिता आने वाली पीढ़ी के लिए प्रेरणास्त्रोत है।”
पार्थ का यह वर्चस्व केवल व्यक्तिगत सफलता नहीं है, यह उन संस्कारों की झलक है जो उन्होंने अपने परिवार, विद्यालय और सामाजिक परिवेश से अर्जित किए हैं। उनकी यह उपलब्धि ना केवल उनके माता-पिता बल्कि कोटपूतली क्षेत्र के लिए भी गौरव का विषय है।
🌿 पार्थ ने यह सिद्ध कर दिया कि यदि लगन, अनुशासन और समर्पण हो, तो हर मंच पर पहचान मिलती है।
हम सबको पार्थ जैसे बालकों से प्रेरणा लेनी चाहिए, जो बचपन से ही देश और समाज के प्रति उत्तरदायित्व निभाने की भावना से ओतप्रोत हैं।
💐 कोटपूतली की इस बाल प्रतिभा को सलाम, और भविष्य के लिए अनंत शुभकामनाएं 💐
REPORT-SEETARAM GUPTA