जयपुर

जयपुर।
विद्याधर नगर थाना पुलिस ने महज़ कुछ घंटों में जघन्य ब्लाइंड मर्डर की गुत्थी सुलझाते हुए दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस टीम ने तकनीकी साक्ष्य, 100 से अधिक सीसीटीवी फुटेज और सतत निगरानी के आधार पर हत्या का खुलासा किया।
पुलिस आयुक्त सचिन मित्तल ने बताया कि 20 अक्टूबर 2025 को विद्याधर नगर थाना क्षेत्र में अंबावाड़ी शॉपिंग सेंटर के पास अम्बिका गैस सर्विस के सामने पार्क गेट के पास एक युवक की लाश मिलने की सूचना मिली थी। मौके पर पहुंची पुलिस को मृतक की हथेली पर एक सिरिंज और पास में ‘एविल’ इंजेक्शन की शीशी मिली, जिससे प्रारंभिक तौर पर यह मामला आत्महत्या का प्रतीत हो रहा था।
जांच के दौरान मृतक की पहचान भवानी सिंह (32 वर्ष) पुत्र रामसिंह शेखावत, निवासी गाँव शामी, तहसील दातारगढ़, जिला सीकर के रूप में हुई। मृतक के माथे पर चोट का निशान देखकर पुलिस ने हत्या की आशंका जताई और मर्ग इंसान प्रकरण दर्ज कर जांच शुरू की।
हत्या का खुलासा — स्कूटी से लाश पटककर हुए फरार
सीसीटीवी फुटेज के विश्लेषण में सामने आया कि रात करीब 1:45 बजे दो स्कूटी सवार युवक मृतक की लाश को स्कूटी पर बीच में रखकर लाते दिखे और अंबाबाड़ी पार्क गेट के पास सुनसान जगह पर पटककर फरार हो गए।
फुटेज के आधार पर रूट चार्ट तैयार कर पुलिस ने संदिग्धों की पहचान कर ली। पुलिस ने 25 अक्टूबर को दोनों आरोपियों को जयपुर रेलवे स्टेशन के सामने से गिरफ्तार किया
गिरफ्तार आरोपी
- नवीन कुमार इंगोरिया (27) पुत्र महेंद्र कुमार इंगोरिया, निवासी अरविंद नगर, बड़ोदिया बस्ती, थाना सदर, जयपुर।
- अजय स्वामी (30) पुत्र रोशन स्वामी, निवासी कलाकार कच्ची बस्ती, भीनीपेच के पास, शास्त्री नगर, जयपुर।
पुलिस पूछताछ में सामने आया कि मृतक भवानी सिंह और आरोपी नवीन आपस में परिचित थे और मजदूरी को लेकर दोनों के बीच पुरानी रंजिश चल रही थी।
19 अक्टूबर की रात नवीन ने भवानी सिंह को नशे का इंजेक्शन लगाने के बहाने बुलाया और उसे इंजेक्शन लगा दिया जिससे उसकी मौत हो गई।
इसके बाद नवीन ने अपने साथी अजय स्वामी की मदद से लाश को मेट्रो रेल की खाली जगह से स्कूटी पर रखकर अंबाबाड़ी शॉपिंग सेंटर के पास पटक दिया और मृतक के हाथ में सिरिंज रखकर इसे आत्महत्या जैसा दिखाने की कोशिश की।
जांच टीम की सराहनीय भूमिका
इस प्रकरण का पर्दाफाश पुलिस उपायुक्त जयपुर उत्तर करण शर्मा, अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त बजरंग सिंह शेखावत, और सहायक पुलिस आयुक्त शिव रतन गोदारा के सुपरविजन में हुआ।
थानाधिकारी नरेन्द्र खीचड़ के नेतृत्व में गठित टीम में हनुमान सहाय, अशोक कुमार, महेश कुमार, श्यामलाल, महीपाल, दिनेश कुमार, नन्छूराम सहित कई पुलिसकर्मियों की विशेष भूमिका रही।
विशेष रूप से कांस्टेबल महीपाल (नंबर 11777) की त्वरित तकनीकी कार्रवाई और सूचना संकलन में अहम भूमिका रही, जिसकी सराहना पुलिस अधिकारियों ने की है।
जयपुर पुलिस की इस त्वरित कार्रवाई ने न केवल एक ब्लाइंड मर्डर का पर्दाफाश किया बल्कि अपराधियों को जल्द पकड़कर कानून के प्रति जनता का विश्वास भी मजबूत किया है।