



कोटपूतली(सीताराम गुप्ता)।
“सेवा ही धर्म है” की भावना को आत्मसात करते हुए राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस मंगलवार को कोटपूतली में बड़े ही धूमधाम, सम्मान और श्रद्धा के साथ मनाया गया। यह दिन उन चिकित्सकों को समर्पित है, जो न केवल मरीजों के इलाज के माध्यम से जीवन बचाते हैं, बल्कि विषम परिस्थितियों में भी मानवता की सेवा में जुटे रहते हैं।
कार्यक्रम का आयोजन राजकीय सरदार जनाना अस्पताल परिसर में हुआ, जहां कोविड काल से लेकर वर्तमान तक हर चुनौती में अग्रिम पंक्ति में खड़े चिकित्सकों का माला, साफा पहनाकर, गुलदस्ता भेंटकर एवं मिठाई खिलाकर आत्मीय अभिनंदन किया गया। समारोह में चिकित्सा विभाग के अधिकारीगण एवं स्थानीय नागरिकों की उपस्थिति ने आयोजन को विशेष बना दिया।
इस अवसर पर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (CMHO) डॉ. आशीष सिंह शेखावत ने कहा कि —चिकित्सक केवल एक पेशा नहीं, यह सेवा, समर्पण और मानव कल्याण की साधना है। हर डॉक्टर समाज का स्तंभ है, जो दिन-रात रोगियों की सेवा में तत्पर रहता है।”कार्यक्रम में डिप्टी सीएमएचओ (स्वा.) डॉ. प्रमोद सिंह भदौरिया, डिप्टी सीएमएचओ (प.क.) डॉ. जय भगवान यादव, बीसीएमओ डॉ. पूरण चन्द गुर्जर, जनाना अस्पताल प्रभारी डॉ. दिलीप पंवार, डॉ. मोइनुद्दीन, डॉ. राकेश रहीसा सहित कई चिकित्सकों का हार्दिक अभिनंदन किया गया।
कार्यक्रम का उद्देश्य न केवल चिकित्सकों को सम्मानित करना था, बल्कि युवा पीढ़ी को भी इस पुनीत सेवा के लिए प्रेरित करना था।
उल्लेखनीय है कि राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस प्रतिवर्ष 1 जुलाई को महान चिकित्सक, शिक्षाविद् एवं स्वतंत्रता सेनानी डॉ. बिधान चंद्र रॉय की स्मृति में मनाया जाता है, जिन्होंने चिकित्सा जगत में अनुकरणीय योगदान दिया।
चिकित्सा क्षेत्र में उत्कृष्ट सेवाएं देने वाले इन सच्चे कोरोना योद्धाओं, सेवा धर्मियों को यह दिवस समर्पित कर कोटपूतली ने एक बार फिर मानवता के प्रति अपनी संवेदनशीलता और कृतज्ञता को दर्शाया है।





