जयपुर 30 मई। राजस्थान पुलिस ने एक बार फिर अपनी दृढ़ता और अथक प्रयासों का परिचय देते हुए एक ऐसे जघन्य अपराध के आरोपी को गिरफ्तार किया है, जो पिछले 35 सालों से कानून की गिरफ्त से फरार था। करौली जिले की पुलिस थाना सूरौठ ने हत्या के एक मामले में ₹10,000 के इनामी वांछित आरोपी रणवीर जाट पुत्र राम खिलाड़ी (67) निवासी ढिंढोरा थाना सूरौठ को उत्तर प्रदेश के बरसाना से धर दबोचा। आरोपी ने पुलिस को चकमा देने के लिए साधु का वेश धारण कर रखा था और विभिन्न धार्मिक स्थलों पर पहचान बदलकर रह रहा था।
यह उल्लेखनीय गिरफ्तारी करौली पुलिस अधीक्षक बृजेश ज्योति उपाध्याय के निर्देशानुसार सीओ हिण्डौनसिटी गिरधर सिंह के नेतृत्व में गठित एक विशेष टीम द्वारा अंजाम दी गई। इस टीम ने पिछले पांच दिनों तक कड़ी मशक्कत की। उन्होंने बनारस, मथुरा, वृंदावन और बरसाना (यूपी) के विभिन्न मंदिरों में अपनी वेशभूषा बदलकर रेकी की, जिससे आखिरकार आरोपी रणवीर सिंह जाट की पहचान हो पाई और उसे सफलतापूर्वक गिरफ्तार किया गया।
यह है 35 साल पुराना मामला:
घटना 22 मार्च, 1989 की है। ढिंढोरा निवासी मान सिंह कुम्हार ने पुलिस थाना कोतवाली हिण्डौन में रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि उनके पिता रामभरोसी प्रजापत और छोटे भाई विजय सिंह जब सरकारी कुएं पर पशुओं को पानी पिलाने गए थे, तो रणवीर जाट पुत्र रामखिलाड़ी और नानगा जाट ने उन्हें नीच जाति का कहकर रोका और मारपीट की। इस घटना के दस मिनट बाद रणवीर, नानगा, दिगंबर, करन और अन्य कई लोग जान से मारने की नीयत से उनके घर आ गए। रणवीर और नानगा के हाथों में फरसा और गंडासी जैसे धारदार हथियार थे, जबकि अन्य लाठियां लिए हुए थे। उन्होंने पिता रामभरोसी के सिर में गंडासी से वार किया, जिससे वे वहीं गिर पड़े। अन्य आरोपियों ने भी उन पर और परिवार के अन्य सदस्यों पर फरसा और लाठियों से हमला किया। गंभीर रूप से घायल रामभरोसी प्रजापत की अस्पताल ले जाते समय मौत हो गई. इस मामले में पुलिस ने प्रकरण संख्या 181/1989, धारा 147, 148, 307, 302 आईपीसी के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू की थी।
जांच के बाद रणवीर और अन्य आरोपियों को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेजा गया था। हालांकि वे जमानत पर रिहा हो गए और रणवीर जाट साल 1991 से ही फरार चल रहा था। न्यायालय द्वारा जारी वारंटों और 31 अक्टूबर, 2017 को सजा के आदेशों के बावजूद वह उपस्थित नहीं हुआ।
पुलिस टीम को सूचना मिली कि रणवीर साधु के वेश में जलमहल मंदिर, बरसाना में रह रहा है। शुक्रवार 30 मई, 2025 को थानाधिकारी महेश कुमार और उनकी टीम ने रणनीतिबद्ध तरीके से कार्रवाई करते हुए रणवीर सिंह को गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में उसने अपनी पहचान रणवीर सिंह पुत्र रामखिलाड़ी जाट, उम्र 67 वर्ष, निवासी ढिंढोरा, थाना सूरौठ, जिला करौली हाल पुजारी रामकिशनदासजी पुत्र प्रियासरणदासजी निवासी नई कॉलोनी, बरसाना, जिला मथुरा, उत्तर प्रदेश बताई। गिरफ्तार किए गए आरोपी को आज माननीय अपर जिला एवं सेशन न्यायालय संख्या 01, हिण्डौनसिटी में पेश किया गया, जहां से उसे न्यायिक अभिरक्षा में भेज दिया गया है।
इस सफल ऑपरेशन में वृत्ताधिकारी हिण्डौन श्री गिरधर सिंह के नेतृत्व में थानाधिकारी महेश कुमार, एएसआई विभीषण, हेड कांस्टेबल विष्णु कुमार, अजयसिंह, कांस्टेबल कन्हैयालाल, भरतलाल और रवि कुमार ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। यह गिरफ्तारी यह संदेश देती है कि अपराधी कितने भी सालों तक छिपे रहें, कानून की पहुंच से बच नहीं सकते।
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करौली में थाना सूरौठ की बड़ी कार्रवाई : पुलिस के हाथों से बच नहीं पाया हत्या के मामले में 35 साल से फरार 10000 रुपये इनामी
- 1991 में जमानत मिलने के बाद वेशभूषा बदलकर साधु बन यूपी के गोवर्धन-बनारस, गुजरात के जूनागढ़, हिमाचल प्रदेश व हरियाणा में काट रहा था फरारी
- पहचान छुपा साधु के वेश में गांव आकर कई बार मिल चुका है परिवार वालों से, 25-30 है अनुयायी
जयपुर 30 मई। राजस्थान पुलिस ने एक बार फिर अपनी दृढ़ता और अथक प्रयासों का परिचय देते हुए एक ऐसे जघन्य अपराध के आरोपी को गिरफ्तार किया है, जो पिछले 35 सालों से कानून की गिरफ्त से फरार था। करौली जिले की पुलिस थाना सूरौठ ने हत्या के एक मामले में ₹10,000 के इनामी वांछित आरोपी रणवीर जाट पुत्र राम खिलाड़ी (67) निवासी ढिंढोरा थाना सूरौठ को उत्तर प्रदेश के बरसाना से धर दबोचा। आरोपी ने पुलिस को चकमा देने के लिए साधु का वेश धारण कर रखा था और विभिन्न धार्मिक स्थलों पर पहचान बदलकर रह रहा था।
यह उल्लेखनीय गिरफ्तारी करौली पुलिस अधीक्षक बृजेश ज्योति उपाध्याय के निर्देशानुसार सीओ हिण्डौनसिटी गिरधर सिंह के नेतृत्व में गठित एक विशेष टीम द्वारा अंजाम दी गई। इस टीम ने पिछले पांच दिनों तक कड़ी मशक्कत की। उन्होंने बनारस, मथुरा, वृंदावन और बरसाना (यूपी) के विभिन्न मंदिरों में अपनी वेशभूषा बदलकर रेकी की, जिससे आखिरकार आरोपी रणवीर सिंह जाट की पहचान हो पाई और उसे सफलतापूर्वक गिरफ्तार किया गया।
यह है 35 साल पुराना मामला:
घटना 22 मार्च, 1989 की है। ढिंढोरा निवासी मान सिंह कुम्हार ने पुलिस थाना कोतवाली हिण्डौन में रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि उनके पिता रामभरोसी प्रजापत और छोटे भाई विजय सिंह जब सरकारी कुएं पर पशुओं को पानी पिलाने गए थे, तो रणवीर जाट पुत्र रामखिलाड़ी और नानगा जाट ने उन्हें नीच जाति का कहकर रोका और मारपीट की। इस घटना के दस मिनट बाद रणवीर, नानगा, दिगंबर, करन और अन्य कई लोग जान से मारने की नीयत से उनके घर आ गए। रणवीर और नानगा के हाथों में फरसा और गंडासी जैसे धारदार हथियार थे, जबकि अन्य लाठियां लिए हुए थे। उन्होंने पिता रामभरोसी के सिर में गंडासी से वार किया, जिससे वे वहीं गिर पड़े। अन्य आरोपियों ने भी उन पर और परिवार के अन्य सदस्यों पर फरसा और लाठियों से हमला किया। गंभीर रूप से घायल रामभरोसी प्रजापत की अस्पताल ले जाते समय मौत हो गई. इस मामले में पुलिस ने प्रकरण संख्या 181/1989, धारा 147, 148, 307, 302 आईपीसी के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू की थी।
जांच के बाद रणवीर और अन्य आरोपियों को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेजा गया था। हालांकि वे जमानत पर रिहा हो गए और रणवीर जाट साल 1991 से ही फरार चल रहा था। न्यायालय द्वारा जारी वारंटों और 31 अक्टूबर, 2017 को सजा के आदेशों के बावजूद वह उपस्थित नहीं हुआ।
पुलिस टीम को सूचना मिली कि रणवीर साधु के वेश में जलमहल मंदिर, बरसाना में रह रहा है। शुक्रवार 30 मई, 2025 को थानाधिकारी महेश कुमार और उनकी टीम ने रणनीतिबद्ध तरीके से कार्रवाई करते हुए रणवीर सिंह को गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में उसने अपनी पहचान रणवीर सिंह पुत्र रामखिलाड़ी जाट, उम्र 67 वर्ष, निवासी ढिंढोरा, थाना सूरौठ, जिला करौली हाल पुजारी रामकिशनदासजी पुत्र प्रियासरणदासजी निवासी नई कॉलोनी, बरसाना, जिला मथुरा, उत्तर प्रदेश बताई। गिरफ्तार किए गए आरोपी को आज माननीय अपर जिला एवं सेशन न्यायालय संख्या 01, हिण्डौनसिटी में पेश किया गया, जहां से उसे न्यायिक अभिरक्षा में भेज दिया गया है।
इस सफल ऑपरेशन में वृत्ताधिकारी हिण्डौन श्री गिरधर सिंह के नेतृत्व में थानाधिकारी महेश कुमार, एएसआई विभीषण, हेड कांस्टेबल विष्णु कुमार, अजयसिंह, कांस्टेबल कन्हैयालाल, भरतलाल और रवि कुमार ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। यह गिरफ्तारी यह संदेश देती है कि अपराधी कितने भी सालों तक छिपे रहें, कानून की पहुंच से बच नहीं सकते।
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